आज की तेज़ी से विकसित होती डिजिटल दुनिया में, साइबर सुरक्षा व्यक्तियों और संगठनों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, साइबर अपराधी भी अपनी तकनीकों को और ज़्यादा चालाक बनाते जा रहे हैं। 2024 में, साइबर सुरक्षा के खतरों को समझना उन सभी के लिए ज़रूरी है जो इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं।
इस लेख में, हम चर्चा करेंगे:
- 2024 में प्रमुख साइबर खतरे: इसमें रैंसमवेयर, फ़िशिंग, DDoS हमले, अंदरूनी खतरे, और IoT कमजोरियां शामिल हैं।
- साइबर सुरक्षा में सुधार के लिए सुझाव: मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना, सॉफ्टवेयर को अपडेट रखना, डेटा का बैकअप लेना, सावधानी से ऑनलाइन जानकारी साझा करना, और साइबर स्वच्छता का अभ्यास करना शामिल हैं।
- साइबर स्वच्छता का महत्व: यह समझना कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए अच्छी आदतें बनाना कितना महत्वपूर्ण है।
1. बदलते और बढ़ते साइबर खतरे
साइबर हमले लगातार विकसित हो रहे हैं और अधिक जटिल होते जा रहे हैं। संगठनों को निशाना बनाने वाले रैंसमवेयर हमलों से लेकर व्यक्तियों को ठगने के लिए फ़िशिंग घोटालों तक, साइबर अपराधियों ने हमारी डिजिटल प्रणालियों में कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल किया है।
2024 में कुछ प्रमुख खतरों में शामिल हैं:
- रैंसमवेयर: यह एक प्रकार का मैलवेयर है जो आपकी फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट कर लेता है और उन्हें वापस पाने के लिए फिरौती की मांग करता है।
- फ़िशिंग हमले: धोखाधड़ी वाले ईमेल, टेक्स्ट संदेश या वेबसाइटें जो आपको अपनी संवेदनशील जानकारी खोलने के लिए धोखा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
- DDoS हमले: वितरित सेवा अस्वीकृति हमले जो किसी नेटवर्क या वेबसाइट को ट्रैफ़िक से भर देते हैं, जिससे वह क्रैश हो जाता है।
- अंदरूनी खतरे: संगठन के अंदर मौजूद लोग जो दुर्भावनापूर्ण तरीके से या अनजाने में डेटा उल्लंघन या सिस्टम कमजोरियों का कारण बन सकते हैं।
- IoT कमजोरियां: इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स डिवाइसों में सुरक्षा कमजोरियों का फायदा उठाना, जैसे स्मार्ट होम गैजेट्स या पहनने योग्य डिवाइस, जिनका इस्तेमाल हैकर्स द्वारा घुसपैठ करने के लिए किया जा सकता है।
रैंसमवेयर एक प्रकार का मैलवेयर है जो आपके कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस में घुसपैठ करके आपकी फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट कर लेता है। अपराधी तब आपको अपनी फ़ाइलों को वापस पाने के लिए फिरौती की मांग करते हैं। यह खतरा व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं और बड़े संगठनों दोनों को समान रूप से प्रभावित कर सकता है।
रैंसमवेयर कैसे काम करता है?
रैंसमवेयर आमतौर पर आपके डिवाइस में संलग्न फ़ाइल या संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से फैलता है। एक बार जब यह आपके सिस्टम में प्रवेश कर जाता है, तो यह आपकी महत्वपूर्ण फ़ाइलों, जैसे दस्तावेज़ों, चित्रों, और यहां तक कि आपके सिस्टम बैकअप को एन्क्रिप्ट कर लेता है। इसके बाद, आपको एक संदेश दिखाया जाएगा जो बताता है कि आपकी फ़ाइलें एन्क्रिप्ट कर दी गई हैं और उन्हें वापस पाने के लिए आपको भुगतान करना होगा।
1) रैंसमवेयर हमलों के उदाहरण:
- 2017 में WannaCry हमला: यह रैंसमवेयर हमला, जिसने दुनिया भर के 200,000 से अधिक कंप्यूटरों को प्रभावित किया, जिसमें भारत भी शामिल है। इस हमले में, अपराधियों ने $4 मिलियन से अधिक की फिरौती वसूली।
- 2019 में Ryuk हमला: यह रैंसमवेयर हमला अमेरिकी सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाता है। इस हमले में, अपराधियों ने लाखों डॉलर की फिरौती वसूली।
- 2021 में Colonial Pipeline हमला: यह रैंसमवेयर हमला अमेरिका की सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन को निशाना बनाता है, जिससे ईंधन की कमी और कीमतों में वृद्धि होती है। इस हमले में, अपराधियों ने $4.4 मिलियन की फिरौती वसूली।
- 2023 में रैंसमवेयर हमलों में भारी वृद्धि: यह चौंकाने वाली बात है कि 2023 में पिछले वर्षों की तुलना में 10% अधिक संगठनों को रैंसमवेयर हमलों का सामना करना पड़ा है। यह हाल के वर्षों में सबसे ज़्यादा है!
रैंसमवेयर से बचाव कैसे करें:
- अपने सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखें: हमेशा नवीनतम ऑपरेटिंग सिस्टम, एंटीवायरस और अन्य सुरक्षा सॉफ़्टवेयर अपडेट का उपयोग करें।
- संदिग्ध ईमेल या अटैचमेंट से सावधान रहें: अज्ञात स्रोतों से आने वाले ईमेल या अटैचमेंट को कभी भी न खोलें।
- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अपने सभी खातों के लिए अलग-अलग, जटिल पासवर्ड का उपयोग करें और उन्हें नियमित रूप से बदलते रहें।
- अपने डेटा का बैकअप लें: अपनी महत्वपूर्ण फ़ाइलों का नियमित रूप से बैकअप लें, ताकि रैंसमवेयर हमले के मामले में आप उन्हें पुनर्प्राप्त कर सकें।
- एक विश्वसनीय एंटी-रैंसमवेयर सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: एक एंटी-रैंसमवेयर सॉफ़्टवेयर आपको रैंसमवेयर हमलों से बचाने में मदद कर सकता है।
रैंसमवेयर हमलों से कैसे बचें:
- भुगतान न करें: रैंसमवेयर हमलों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपराधियों को भुगतान न करें। यदि आप भुगतान करते हैं, तो आप न केवल अपना पैसा खो देते हैं, बल्कि आप भविष्य में और अधिक हमलों को प्रोत्साहित करते हैं।
- अपने डेटा को पुनर्प्राप्त करने का प्रयास करें: यदि आपका डेटा एन्क्रिप्ट हो गया है, तो आप अपनी फ़ाइलों को पुनर्प्राप्त करने के लिए डेटा रिकवरी सॉफ़्टवेयर का उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं।
- घटना की रिपोर्ट करें: यदि आप रैंसमवेयर हमले का शिकार होते हैं, तो घटना की रिपोर्ट अपने स्थानीय कानून प्रवर्तन और साइबर सुरक्षा एजेंसियों को करें।
2) फ़िशिंग एक ऐसा धोखाधड़ी का तरीका है जिसमें धोखेबाज़ आपको ईमेल, टेक्स्ट संदेश या वेबसाइटों के माध्यम से अपनी संवेदनशील जानकारी, जैसे कि पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर या बैंक खाता जानकारी साझा करने के लिए धोखा देते हैं। यह व्यक्तिगत लोगों और बड़ी कंपनियों दोनों के लिए एक गंभीर खतरा है।
फ़िशिंग हमलों के उदाहरण:
- नकली बैंक ईमेल: धोखेबाज़ आपके बैंक से होने का दावा करते हुए ईमेल भेजते हैं, जिसमें आपको अपने खाते में लॉग इन करने के लिए एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। जब आप लिंक पर क्लिक करते हैं, तो यह आपको एक नकली वेबसाइट पर ले जाता है जो आपके बैंक की वेबसाइट जैसी दिखती है। यदि आप अपनी जानकारी दर्ज करते हैं, तो धोखेबाज़ आपके खाते तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं।
- सोशल मीडिया घोटाले: धोखेबाज़ सोशल मीडिया पर नकली प्रोफ़ाइल बनाते हैं और आपको दोस्ती करने या उनका अनुरोध स्वीकार करने के लिए कहते हैं। एक बार जब वे आपके मित्र बन जाते हैं, तो वे आपको संदेश भेज सकते हैं जिसमें दुर्भावनापूर्ण लिंक या संलग्नक होते हैं। यदि आप इन पर क्लिक करते हैं, तो आपका डिवाइस मैलवेयर से संक्रमित हो सकता है।
- फ़िशिंग वेबसाइटें: धोखेबाज़ वेबसाइटें बनाते हैं जो प्रसिद्ध वेबसाइटों, जैसे कि Amazon या PayPal जैसी दिखती हैं। यदि आप इन वेबसाइटों पर जाते हैं और अपनी जानकारी दर्ज करते हैं, तो धोखेबाज़ इसे चोरी कर सकते हैं।
फ़िशिंग हमलों से बचाव कैसे करें:
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें: ईमेल या संदेशों में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से पहले उन पर ध्यान से होवर करें और सुनिश्चित करें कि वे वैध वेबसाइटों को इंगित करते हैं। यदि आप लिंक के बारे में अनिश्चित हैं, तो वेबसाइट का URL टाइप करें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने में सावधानी बरतें: किसी भी वेबसाइट या व्यक्ति को अपनी संवेदनशील जानकारी न दें जब तक कि आप यह सुनिश्चित न हों कि वे वैध हैं। यदि आपको किसी ईमेल या वेबसाइट की प्रामाणिकता पर संदेह है, तो जानकारी साझा करने से बचें।
- अपने एंटी-फ़िशिंग सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखें: एंटी-फ़िशिंग सॉफ़्टवेयर आपको फ़िशिंग वेबसाइटों से बचाने में मदद कर सकता है।
- अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और ब्राउज़र को अपडेट रखें: नवीनतम सुरक्षा पैच में अक्सर फ़िशिंग हमलों से बचाने में मदद करने वाले सुधार शामिल होते हैं।
- सावधान रहें: यदि कोई प्रस्ताव या सौदा बहुत अच्छा लगता है तो शायद यह सच नहीं है। संदिग्ध ईमेल या वेबसाइटों से सावधान रहें जो आपको अतिरिक्त पैसे कमाने या मुफ्त उपहार प्राप्त करने का वादा करती हैं।
याद रखें: फ़िशिंग एक गंभीर खतरा है, लेकिन आप सावधानी बरतकर और ज़रूरी कदम उठाकर खुद को बचा सकते हैं।
3) DDoS हमले: वेबसाइटों को क्रैश करने वाला खतरा, बचाव ज़रूरी!
DDoS (Distributed Denial-of-Service) हमले किसी वेबसाइट या नेटवर्क पर भारी मात्रा में ट्रैफ़िक भेजकर उसे क्रैश कर देते हैं। इसका मतलब है कि वास्तविक उपयोगकर्ता वेबसाइट तक पहुंच नहीं पाते हैं। यह व्यक्तिगत लोगों, बड़ी कंपनियों और यहां तक कि सरकारी वेबसाइटों को भी प्रभावित कर सकता है।
DDoS हमलों के उदाहरण:
- 2013 में DNSMadeEasy हमला: यह हमला एक घंटे से अधिक समय तक इंटरनेट की जड़ DNS सर्वरों को निशाना बनाता है, जिससे वैश्विक स्तर पर वेबसाइटों तक पहुंच बाधित होती है।
- 2016 में Dyn हमला: यह हमला Amazon, Reddit, Twitter और अन्य लोकप्रिय वेबसाइटों को निशाना बनाता है, जिससे व्यापक व्यवधान होता है।
- 2020 में GitHub हमला: यह हमला सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्लेटफ़ॉर्म GitHub को निशाना बनाता है, जिससे लाखों डेवलपर्स प्रभावित होते हैं।
- 2020 में AWS पर हुआ हमला: फरवरी 2020 में, अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS) ने बताया कि उन्होंने एक बहुत बड़े DDoS हमले को रोका था। इस हमले के दौरान, हर सेकंड में 2.3 टेराबिट डेटा (Tbps) की रफ्तार से ट्रैफिक आ रहा था! AWS ने यह नहीं बताया कि इस हमले का शिकार कौन था।
DDoS हमलों से बचाव कैसे करें:
- एक विश्वसनीय वेब होस्टिंग प्रदाता चुनें: एक वेब होस्टिंग प्रदाता चुनें जो DDoS हमलों से सुरक्षा प्रदान करता है। वे विशेष सुरक्षा सुविधाएँ और निगरानी सेवाएँ प्रदान करते हैं जो आपके वेबसाइट को हमलों से बचाने में मदद कर सकती हैं।
- अपनी वेबसाइट या नेटवर्क की निगरानी करें: DDoS हमलों के संकेतों के लिए अपनी वेबसाइट या नेटवर्क की निगरानी करें। इसमें असामान्य ट्रैफ़िक पैटर्न या वेबसाइट की प्रतिक्रिया समय में वृद्धि शामिल हो सकती है।
- एक DDoS सुरक्षा समाधान का उपयोग करें: एक DDoS सुरक्षा समाधान आपको DDoS हमलों का पता लगाने और उन्हें रोकने में मदद कर सकता है। ये समाधान अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं और आपके नेटवर्क को हमलों से बचाने में मदद कर सकते हैं।
याद रखें: DDoS हमले एक गंभीर खतरा हैं, लेकिन आप सावधानी बरतकर और ज़रूरी कदम उठाकर खुद को बचा सकते हैं।
अतिरिक्त सुरक्षा युक्तियाँ:
- अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें: नवीनतम सुरक्षा पैच में अक्सर DDoS हमलों से बचाने में मदद करने वाले सुधार शामिल होते हैं।
- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अपने सभी खातों के लिए अलग-अलग, जटिल पासवर्ड का उपयोग करें और उन्हें नियमित रूप से बदलते रहें।
- अपने डेटा का बैकअप लें: अपनी महत्वपूर्ण फ़ाइलों का नियमित रूप से बैकअप लें, ताकि DDoS हमले के मामले में आप उन्हें पुनर्प्राप्त कर सकें।
4) अंदरूनी खतरे और उनसे बचाव
अंदरूनी खतरे वे खतरे हैं जो किसी संगठन के अंदर के लोगों द्वारा उत्पन्न होते हैं। ये खतरे जानबूझकर या अनजाने में हो सकते हैं, और डेटा उल्लंघन, सिस्टम कमजोरियों, या अन्य सुरक्षा समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
अंदरूनी खतरों के कुछ उदाहरण:
- असंतुष्ट कर्मचारी: कोई नाराज कर्मचारी बदला लेने के लिए गोपनीय डेटा चुरा सकता है या कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।
- जासूस: कोई प्रतिस्पर्धी कंपनी या विदेशी सरकार का जासूस संगठन के गोपनीय डेटा को चुराने के लिए कर्मचारी को धोखा दे सकता है।
- असावधानी: कोई कर्मचारी अनजाने में डेटा उल्लंघन का कारण बन सकता है, जैसे कि अपना पासवर्ड साझा करना या संवेदनशील जानकारी वाला लैपटॉप खो देना।
अंदरूनी खतरों से बचाव कैसे करें:
कर्मचारियों की जांच और स्क्रीनिंग:
- कर्मचारियों को काम पर रखने से पहले उनकी पृष्ठभूमि की जांच करें।
- उनके आपराधिक रिकॉर्ड, क्रेडिट इतिहास और पिछले नियोक्ताओं की जांच करें।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे भरोसेमंद हैं, उनका संदर्भों की जांच करें।
कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण:
- अपने कर्मचारियों को नवीनतम साइबर सुरक्षा खतरों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में प्रशिक्षित करें।
- उन्हें मजबूत पासवर्ड बनाने और उनका प्रबंधन करने, संदिग्ध ईमेल और अटैचमेंट से सावधान रहने, और कंप्यूटर सिस्टम को सुरक्षित रखने के बारे में सिखाएं।
- उन्हें कंपनी की डेटा सुरक्षा नीतियों और प्रक्रियाओं से अवगत कराएं।
अन्य सुरक्षा उपाय:
- डेटा एक्सेस को प्रतिबंधित करें: केवल उन कर्मचारियों को डेटा तक पहुंच दें जिनको इसकी आवश्यकता है।
- डेटा एन्क्रिप्शन का उपयोग करें: संवेदनशील डेटा को एन्क्रिप्ट करें ताकि अगर यह चोरी हो जाए तो भी इसे पढ़ा न जा सके।
- सिस्टम गतिविधि की निगरानी करें: किसी भी संदिग्ध गतिविधि के लिए सिस्टम गतिविधि की निगरानी करें।
- नियमित रूप से सुरक्षा जांच करें: अपनी सुरक्षा प्रणालियों और प्रक्रियाओं की नियमित रूप से जांच करें ताकि कमजोरियों का पता लगाया जा सके और उन्हें ठीक किया जा सके।
उदाहरण:
मान लीजिए कि एक बैंक में एक कर्मचारी है जो अपने बॉस से नाराज है। कर्मचारी बैंक के कंप्यूटर सिस्टम में हैक कर लेता है और ग्राहकों के बैंक खाते की जानकारी चुरा लेता है। फिर वह इस जानकारी को प्रतिस्पर्धी बैंक को बेच देता है। इस मामले में, अंदरूनी खतरे को कर्मचारी की पृष्ठभूमि की जांच और स्क्रीनिंग करके रोका जा सकता था। कर्मचारी की जांच में उसके आपराधिक रिकॉर्ड या पिछले नियोक्ताओं के साथ किसी भी समस्या का पता चल सकता था, जिससे उसे काम पर रखने से रोक दिया जा सकता था। इसके अतिरिक्त, यदि कर्मचारी को साइबर सुरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण दिया गया होता, तो उसे पता होता कि सिस्टम में हैक करना और डेटा चोरी करना गलत है। वह मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना और संदिग्ध ईमेल से सावधान रहना भी जानता होगा। यदि बैंक ने डेटा एक्सेस को प्रतिबंधित किया होता और सिस्टम गतिविधि की निगरानी की होती, तो हैक का जल्दी पता चल सकता था और उसे रोका जा सकता था।
5) IoT कमजोरियां और उनसे बचाव
IoT कमजोरियां वे सुरक्षा खामियां हैं जो इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) डिवाइस में पाई जाती हैं। IoT डिवाइस वे डिवाइस हैं जो इंटरनेट से जुड़े होते हैं, जैसे कि स्मार्ट स्पीकर, स्मार्ट होम उपकरण और पहनने योग्य डिवाइस।
IoT कमजोरियों के कुछ उदाहरण:
- कमजोर पासवर्ड: कई IoT डिवाइस डिफ़ॉल्ट पासवर्ड के साथ आते हैं जो अनुमान लगाने में आसान होते हैं।
- असुरक्षित डेटा एन्क्रिप्शन: कुछ IoT डिवाइस डेटा को एन्क्रिप्ट नहीं करते हैं, जिससे हैकर्स के लिए डेटा को इंटरसेप्ट करना और पढ़ना आसान हो जाता है।
- पुराना सॉफ्टवेयर: कुछ IoT डिवाइस पुराने सॉफ्टवेयर के साथ आते हैं जिसमें ज्ञात सुरक्षा कमजोरियां होती हैं।
इन कमजोरियों का फायदा उठाकर हैकर्स आपके नेटवर्क में घुसपैठ कर सकते हैं, डेटा चोरी कर सकते हैं, या आपके डिवाइसों को नियंत्रित कर सकते हैं।
IoT कमजोरियों से बचाव कैसे करें:
- केवल भरोसेमंद ब्रांडों से ही IoT डिवाइस खरीदें: उन ब्रांडों से IoT डिवाइस खरीदें जो सुरक्षा को अहमियत देते हैं और अपनी डिवाइसों के लिए नियमित सुरक्षा अपडेट जारी करते हैं।
- अपने IoT डिवाइस के फर्मवेयर को अपडेट रखें: डिवाइस निर्माता द्वारा जारी किए गए नवीनतम फर्मवेयर अपडेट को हमेशा इंस्टॉल करें। ये अपडेट अक्सर सुरक्षा कमजोरियों को ठीक करते हैं।
- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अपने IoT डिवाइस के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और डिफ़ॉल्ट पासवर्ड को बदल दें।
- दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) सक्षम करें: यदि उपलब्ध हो, तो अपने IoT डिवाइस के लिए 2FA सक्षम करें। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा परत जोड़ता है जो आपके खाते को अनधिकृत पहुंच से बचाने में मदद करता है।
- फ़ायरवॉल का उपयोग करें: अपने IoT डिवाइस को फ़ायरवॉल के पीछे कनेक्ट करें। यह अनधिकृत पहुंच से डिवाइस को बचाने में मदद करेगा।
- सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क से कनेक्ट न करें: सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क पर अपने IoT डिवाइस का उपयोग करने से बचें, क्योंकि ये नेटवर्क अक्सर सुरक्षित नहीं होते हैं।
उदाहरण:
मान लीजिए कि आपके पास स्मार्ट लॉक है जो आपके स्मार्टफोन से कनेक्ट होता है। स्मार्ट लॉक में एक कमजोर पासवर्ड है, और एक हैकर पासवर्ड का अनुमान लगाने में सक्षम है। हैकर फिर आपके घर में प्रवेश करने के लिए स्मार्ट लॉक का उपयोग कर सकता है। इस मामले में, IoT कमजोरी से बचा जा सकता था यदि स्मार्ट लॉक में एक मजबूत पासवर्ड होता। स्मार्ट लॉक के मालिक को 2FA सक्षम करना चाहिए था, जो हैकर के लिए खाते तक पहुंचना अधिक कठिन बना देता। IoT डिवाइस हमारे जीवन को सुविधाजनक बना सकते हैं, लेकिन वे सुरक्षा खतरों का भी कारण बन सकते हैं। IoT कमजोरियों से अवगत होना और उनसे बचाव के लिए कदम उठाना महत्वपूर्ण है।
साइबर सुरक्षा में सुधार के लिए सुझाव
हालांकि खतरों का परिदृश्य चिंताजनक लग सकता है, आप ऑनलाइन सुरक्षित रहने के लिए कई कदम उठा सकते हैं:
- अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें: अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर और अन्य एप्लिकेशनों को नवीनतम पैच के साथ अपडेट करें।
- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अपने खातों के लिए जटिल पासवर्ड या पासफ़्रेज़ बनाएं और जहां भी संभव हो दो-कारक प्रमाणीकरण सक्षम करें।
- संदिग्ध ईमेल पर ध्यान दें: प्रेषक की पहचान सत्यापित करें और अज्ञात स्रोतों से लिंक पर क्लिक करने या अटैचमेंट डाउनलोड करने से बचें।
- अपने डेटा का बैकअप लें: अपनी महत्वपूर्ण फ़ाइलों का नियमित रूप से बैकअप लें, बाहरी हार्ड ड्राइव या क्लाउड स्टोरेज सेवा में, ताकि रैंसमवेयर हमलों के प्रभाव को कम किया जा सके।
- अपने नेटवर्क को सुरक्षित बनाएं: अपने घर के वाई-फाई नेटवर्क को अनधिकृत पहुंच से बचाने के लिए फ़ायरवॉल और एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल का उपयोग करें।
- खुद को शिक्षित करें: नवीनतम साइबर सुरक्षा खतरों और ऑनलाइन सुरक्षित रहने के सर्वोत्तम तरीकों के बारे में जागरूक रहें। कई सरकारी एजेंसियां और सुरक्षा फर्म निःशुल्क सुरक्षा सलाह और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
साइबर स्वच्छता का महत्व
अपनी डिजिटल उपस्थिति की रक्षा के लिए अच्छी साइबर स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। जिस तरह आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कदम उठाते हैं, वैसे ही आपको अपने ऑनलाइन सुरक्षा की रक्षा के लिए भी आदतें बनानी चाहिए:
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी को साझा करते समय सावधान रहें: सोशल मीडिया पर या किसी अज्ञात वेबसाइट पर हर चीज साझा करने से बचें।
- संवेदनशील कार्यों के लिए सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग न करें: सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क अक्सर सुरक्षित नहीं होते हैं, इसलिए ऑनलाइन बैंकिंग या खरीदारी जैसी संवेदनशील गतिविधियों से बचें।
- अपने सोशल मीडिया गोपनीयता सेटिंग्स को नियमित रूप से जांचें और अपडेट करें: नियंत्रित करें कि कौन आपकी जानकारी देख सकता है और आपकी प्रोफ़ाइल को सार्वजनिक रूप से खोजने योग्य होने से रोकें।
2024 के डिजिटल परिदृश्य में साइबर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता है। साइबर अपराध का शिकार होने के जोखिम को कम करने के लिए, सामान्य खतरों को समझें और सर्वोत्तम सुरक्षा प्रथाओं का पालन करें। सावधान रहें, अपने सॉफ़्टवेयर को अपडेट करें, और अपनी डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता दें ताकि आप ऑनलाइन सुरक्षित रह सकें।
English Version
In today’s rapidly evolving digital world, cybersecurity has become an important issue for both individuals and organizations. As technology advances, cybercriminals are becoming more sophisticated in their techniques. Understanding the dangers of cyber threats in 2024 is essential for everyone who uses the internet.
In this article, we will discuss:
- Major Cyber Threats in 2024: This includes ransomware, phishing, DDoS attacks, insider threats, and IoT vulnerabilities.
- Suggestions for Improving Cybersecurity: Using strong passwords, keeping software updated, backing up data, sharing online information cautiously, and practicing cyber hygiene.
- Importance of Cyber Hygiene: Understanding how crucial it is to develop good habits to stay safe in the digital world.
- Changing and Growing Cyber Threats
Cyberattacks are constantly evolving and becoming more complex. From ransomware attacks targeting organizations to phishing scams aimed at individuals, cybercriminals are exploiting vulnerabilities in our digital systems using various techniques.
Some major threats in 2024 include:
- Ransomware: This type of malware encrypts your files and demands a ransom to decrypt them.
- Phishing Attacks: Deceptive emails, text messages, or websites designed to trick you into revealing sensitive information.
- DDoS Attacks: Distributed Denial of Service attacks flood a network or website with traffic, causing it to crash.
- Insider Threats: People within an organization who may intentionally or unintentionally cause data breaches or system weaknesses.
- IoT Vulnerabilities: Exploiting security weaknesses in Internet of Things devices, such as smart home gadgets or wearable devices, which can be hacked by cybercriminals.
Ransomware is a type of malware that encrypts your files on your computer or mobile device and demands payment to decrypt them. Criminals then demand ransom to return your files. This threat can affect both individual users and large organizations equally.
How Ransomware Works:
Ransomware typically spreads by clicking on an infected file or suspicious link on your device. Once it gains access to your system, it encrypts your important files, such as documents, images, and even your system backups. Then, you’ll see a message demanding payment to decrypt your files.
Examples of Ransomware Attacks:
- WannaCry Attack in 2017: This ransomware attack affected over 200,000 computers worldwide, including in India, demanding over $4 million in ransom.
- Ryuk Attack in 2019: This ransomware targeted the US government, healthcare providers, and other critical infrastructure, collecting millions of dollars in ransom.
- Colonial Pipeline Attack in 2021: This ransomware attack targeted America’s largest fuel pipeline, causing fuel shortages and price increases. The attackers collected $4.4 million in ransom.
- Sharp Increase in Ransomware Attacks in 2023: It’s alarming that 10% more organizations faced ransomware attacks in 2023 compared to previous years. It’s the highest in recent years!
How to Protect Against Ransomware:
- Keep your software updated: Always use the latest operating system, antivirus, and other security software updates.
- Be cautious of suspicious emails or attachments: Never open emails or attachments from unknown sources.
- Use strong, unique passwords: Use different, complex passwords for all your accounts and regularly change them.
- Backup your data: Regularly backup your important files so that you can recover them in case of a ransomware attack.
- Use reliable anti-ransomware software: Anti-ransomware software can help protect you from ransomware attacks.
How to Avoid Falling Victim to Ransomware:
- Don’t pay: The best way to avoid ransomware attacks is not to pay the criminals. Paying not only loses your money but also encourages more attacks in the future.
- Attempt to recover your data: If your data is encrypted, try using data recovery software to retrieve your files.
- Report the incident: If you fall victim to a ransomware attack, report the incident to your local law enforcement and cyber security agencies.